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74 की उम्र में 24 वाला जोश : जोड़ों के दर्द में सबसे कामयाब हर्ब गोंद सियाह ने हनुमान जी में फूंकी जान

74 की उम्र में 24 वाला जोश : जोड़ों के दर्द में सबसे कामयाब हर्ब गोंद सियाह ने हनुमान जी में फूंकी जान

New Delhi, India 6 July, 2024

जयपुर के गाँव अस्ति ढाणी में रहने वाले हनुमान जी को चलने फिरने में होती थी तकलीफ अब बेफिक्र होकर करते हैं एक्सर्साइज़।

74 साल की उम्र में 24 वाला जोश, शायद इस लाइन को पढ़ने के बाद आप इस पर यकीन नहीं कर पा रहे हों, लेकिन इसे सच कर दिखाया है जयपुर से 70 किलोमीटर दूर फुलेरा के पास छोटे से गाँव आशिक धानी में रहने वाले हनुमान जी ने। जैसा इनका नाम है वैसे ही इनके काम हैं। हनुमान जी की उम्र 74 साल है। वैसे तो इस उम्र तक आते-आते लोग बिस्तर पकड़ लेते हैं। लेकिन हनुमान जी इस उम्र में भी 24 साल के जवान की तरह शारीरिक गतिविधियां करते हैं और बच्चों की तरह उछलते कूदते हैं।

हनुमान जी को हम पिछले 9 महीने से जानते हैं जब हनुमान जी कमर का दर्द और घुटनों के दर्द की समस्या को लेकर हकीम सुलेमान खान साहब से जुड़े थे। 9 महीने तक हकीम जी की यूनानी जड़ी बूटियाँ और घरेलू उपायों को अपनाने के बाद, हनुमान जी ने हमें अपनी एक वीडियो क्लिप भेजी जिसमें वो बच्चों की तरह उछलते कूदते नजर आ रहे थे, 74 साल के हनुमान जी से जब हमने इनकी सेहत का राज पूछा तो इन्होंने हमसे कहा की ये सब हकीम सुलेमान खान साहब की बताई हुई जड़ी बूटी गोंद सियाह का कमाल है। अगर आप भी इनकी उस वीडियो को देखना चाहते हैं तो नीचे दी हुई लिंक पर जाकर देख सकते हैं।

दोस्तों समय के साथ-साथ शरीर का कमजोर होना लाज़मी है, जो काम आप अपनी जवानी में कर लेते हैं उम्र बढ़ने के साथ-साथ उसी काम को करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जिसकी वजह है कैल्शियम और अन्य पोषक तत्वों की कमी के कारण अस्थियों का कमजोर हो जाना। अस्थियों के कमजोर होने का सीधा प्रभाव जोड़ों पर पड़ता है जिसकी वजह से व्यक्ति को घुटनों का दर्द, कमर का दर्द जैसी समस्याएं होना शुरू हो जाती हैं। ज्यादातर लोग किसी भी समस्या का उपचार उस समय करवाते जब समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और ठीक होने की संभावना लगभग नगण्य हो जाती है। लेकिन कुछ लोग होते हैं जो समझदार होते हैं। समस्या के बढ़ने से पहले ही उपचार करा लेते हैं और अपनी जिंदगी को बढ़िया तरीके से जीते हैं। कुछ इसी तरह की कहानी है हनुमान जी की।

हनुमान जी अपनी बीवी के साथ जयपुर से 70 किलोमीटर दूर फुलेरा कस्बे के गाँव आशिक धानी में रहते हैं इनके दोनों बेटे काम के सिलसिले से दूसरे शहरों में रहते हैं। हनुमान जी को अपनी जवानी में बवासीर की समस्या ने जकड़ लिया था जिस वजह से पूरे 4 साल तक इन्हें अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़े। अस्पतालों में पैसे और समय बरबाद होने की वजह से हनुमान जी ने अपने जीवन को इस तरह से जीना शुरू किया जिससे की इन्हें कभी भी अस्पताल का मुंह न देखना पड़े। रेल्वे में छोटी-मोटी नौकरी करते हुए हनुमान जी ने अपनी लाइफ में योगा और एक्सर्साइज़ करना शुरू किया। रोजाना 3 से 4 किलोमीटर पैदल चलते थे। इससे ज्यादा दूर आने जाने के लिए साइकिल का उपयोग करते थे।

एक दिन अचानक हनुमान जी जब साइकिल से अपने घर पहुंचे तो इन्हें कमर के ऊपरी हिस्से में दर्द होना शुरू हो गया। उन्हें लगा कि साइकिल पर कोई दचका लगने की वजह से ये समस्या हो गई है। हनुमान जी ने अपनी बीवी से कमर और पैरों की मालिश करवाई जिससे हल्का-फुल्का आराम हो गया। लेकिन रात भर सोने के बाद जब सुबह सोकर उठे तो इन्हें ऐसा लगा जैसे दर्द कम होने की जगह और ज्यादा बढ़ गया हो।

सुबह उठकर हनुमान जी मेडिकल की दुकान से दर्द की दवाइयाँ लेने गए तो मेडिकल वाले ने इन्हें बाम लगाने को दिया, साथ ही साथ पेन किलर भी खाने को दी। जब तक इन अंग्रेजी दवाइयों का असर रहता तब तक तो हनुमान जी को दर्द से राहत मिल जाती थी। लेकिन दवाइयों का असर जाने के बाद फिर से दर्द होना शुरू हो जाता।

जब इनकी ये समस्या कुछ ज्यादा बढ़ गई। तो हनुमान जी की बीवी ने इस समस्या के बारे में बच्चों को बताया। बच्चों को जब पिताजी की पीढ़ा के बारे में पता चला तो उन्होंने पिताजी को अस्पताल में जाकर डॉक्टर से दिखाने को कहा। लेकिन इनके पिताजी अस्पताल नहीं जाना चाहते थे इसलिए उन्होंने डॉक्टर के पास दिखाने से मना कर दिया।

देखते ही देखते इस दर्द में ही हनुमान जी के पूरे 2 साल निकल गए और इनका हाल कुछ ऐसा हो गया था की घर के छोटे-मोटे काम भी करने में परेशानी होने लगी थी। ये अपने बिस्तर पर पड़े रहते थे और टीवी देखते रहते थे। इसी बीच एक दिन टीवी देखते हुए इन्होंने हकीम सुलेमान खान साहब का प्रोग्राम ‘सेहत और जिंदगी’ देखा। जिसमें हकीम सुलेमान खान साहब जोड़ो के दर्द के लिए यूनानी जड़ी-बूटी और घरेलू उपचार अपनाने की बात कर रहे थे। कुछ दिनों तक हनुमान जी इस प्रोग्राम को देखते रहे। एक दिन इन्होंने एक शख्स का इंटरव्यू देखा जिसे बिल्कुल इन्हीं की तरह कमर दर्द और घुटनों के दर्द की समस्या थी। हकीम सुलेमान खान साहब के द्वारा बताई गई गोंद सियाह का सेवन करने के बाद उसे दर्द में आराम लग गया था। ये सब देखने के बाद हनुमान जी ने टीवी से नंबर लेकर हकीम सुलेमान साहब की संस्था में कॉल किया और अपनी समस्या बताई। हकीम साहब के काबिल डॉक्टरों की टीम ने समस्याएं सुनने और समझने के बाद इन्हें गोंद सियाह और हल्दी प्लस कैप्सूल भेजा।

हनुमान जी ने इन यूनानी जड़ी बूटियों का सेवन करना शुरू कर दिया। कुछ ही दिनों में इन्हें आराम मिलना शुरू हो गया। आराम मिला तो हनुमान जी ने गोंद सियाह और हल्दी प्लस कैप्सूल का सेवन करना जारी रखा। इन जड़ी बूटियों का सेवन करते हुए इन्हें 8 से 9 महीने हो गए हैं। इन हर्ब्स के सेवन से हनुमान जी इतने फुर्तीले हो गए हैं की जिन एक्सर्साइज़ को लोग जवानी में नहीं कर पाते हैं उसे ये 74 साल की उम्र में करते हैं।

गोंद सियाह के सेवन के बाद 74 की उम्र में उछलते-कूदते हुए हनुमान जी।

हमने खुद जाकर इनसे बातचीत की और आधा घंटे से ज्यादा एक्सर्साइज़ कारवाई। जिसमें इन्होंने हमें कई तरह के व्यायाम, हाथ-पैरों की एक्सर्साइज़ और उछल-कूदकर दिखाया। इनकी इस पूरी एक्सर्साइज़ को हमने कैमरे में रिकार्ड भी किया है। जिसकी विडिओ आप हकीम साहब के YouTube चैनल ‘हकीम सुलेमान खान’ पर जाकर देख सकते हैं।

हनुमान जी को अब हकीम सुलेमान खान साहब की यूनानी जड़ी बूटियों और घरेलू उपचारों पर इतना विश्वास हो गया है की अब वो किसी को भी इस तरह की तकलीफ में देखते हैं तो उसे हकीम सुलेमान खान साहब के बारे में जरूर बताते हैं। अगर आप भी इस तरह की किसी समस्या से परेशान हैं तो हकीम साहब से जुड़कर अपनी तकलीफ में राहत पा सकते हैं।

गोंद सियाह के बारे में ?

दरअसल गोंद सियाह को दुनिया से introduce कराने वाले हकीम सुलेमान साहब हैं। जिन्होंने अपने टीवी शोज में, यूट्यूब चैनल्स पर, Facebook पर, और भी अनेकों प्लेटफॉर्म के माध्यम से इस यूनानी हर्ब के बारे में लोगों को बताकर जागरूक किया है। लाखों करोड़ों लोग घुटनों के दर्द, कमर के दर्द, किसी भी प्रकार के जोड़ों के दर्द और पैरों से लेकर गर्दन तक के दर्द की समस्या (सर्वाइकल) में इस हर्ब से फायदा पाने के बाद हकीम सुलेमान साहब का दिल से धन्यवाद करते हैं।

गोंद सियाह का सेवन करने का तरीका: गोंद सियाह को धूप में सुखाने के बाद पाउडर बना लें। सुबह नाश्ते के बाद और रात में खाने के बाद आधा ग्राम गोंद सियाह 1 चम्मच मलाई या फिर शहद में मिलाकर खाएं। क्योंकि ये एक गोंद है जिसे सूखा खाने से ये जीभ और दातों से चिपक सकती है इसके अलावा गोंद सियाह बहुत कड़वा होता है, हो सकता है की आपने इतनी कड़वी चीज पहले कभी न खाई हो। इस कड़बे गोंद के सेवन से आपको भी वर्षों पुराने जोड़ों के दर्द में राहत मिल सकती है।

गोंद सियाह का सेवन करते समय किन बातों का रखें ध्यान: गोंद सियाह का सेवन शुरू करने के कुछ दिनों तक झाड़ू पोंछे पर पाबंधी रखें और फिज़िकल ऐक्टिविटी कम कर दें हो सके तो वेस्टर्न टॉयलेट यानि की कुर्सी वाले शौचालय का ही इस्तेमाल करें।

गोंद सियाह के सेवन से दर्द बढ़ जाए तो क्या करें: गोंद सियाह दर्द की नहीं बल्कि रोग की दवा है। रोग चला जाए तो दर्द अपने आप चला जाता है। 100 में से 1 या 2 पैशन्ट ही ऐसे होते हैं जिन्हें शुरूआत में दर्द बढ़ जाता है। अगर किसी को दर्द बढ़ जाए तो परेशान न हों। इन्स्टेन्ट रिलीफ़ के लिए 5 दिन तक सुबह-शाम गोंद सियाह के साथ दर्द की दवा खा सकते हैं। कुछ दिनों में आपको फर्क महसूस होना शुरू हो जाएगा।

असली गोंद सियाह की पहचान कैसे करें: आज कल जिस तरह से हर चीज में मिलावट हो रही है ठीक वैसे ही मार्केट में नकली गोंद सियाह भी मिलता है। आपको बाजार में काले रंग का गोंद मिल जाएगा जो देखने में लगभग गोंद सियाह के जैसा ही काला होता है। लेकिन वो गोंद सियाह नहीं एलवा होता है। आप असली गोंद सियाह की पहचान कर सकते हैं क्योंकि एलवा में चमक होती है जबकि गोंद सियाह एकदम कोयले की तरह काला होता है।

क्यों जरूरी है असली गोंद सियाह लेना: गोंद सियाह तो हजारों लोग बेचते हैं और ये आपको सब जगह पर मिल जाएगी लेकिन सबसे जरूरी है असली गोंद सियाह लेना। अगर आप नकली गोंद सियाह लेंगे तो उसकी क्वालिटी सही नहीं होगी जिससे कोई फायदा नहीं होगा उल्टा आपको नुकसान भी हो सकता है।

असली गोंद सियाह कहाँ से मंगवाएं: आप हकीम सुलेमान खान साहब की संस्था में कॉल करके असली गोंद सियाह मँगवा सकते हैं। ये गोंद कालस्कन्ध नाम के पेड़ से निकलता है। जिसकी खेती हकीम सुलेमान खान साहब अपनी देख रेख में करवाते हैं, इनका खुद का जड़ी-बूटी केंद्र है जहां पर जड़ी बूटियों को इकट्ठा करके साफ किया जाता है। बहुत ही ईमानदारी से इस फॉर्मूले को बनाया जाता है। हर एक छोटी से छोटी बात का ध्यान रखा जाता है यही वजह है की इस यूनानी जड़ी बूटी का असर इतना पावरफुल है की लाखों लोगों को सालों पुराने जोड़ों के दर्द में फायदा मिल चुका है।

असली गोंद सियाह मंगाने के दिए गए नंबर पर संपर्क करें।

011 6120 5379

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