कमर दर्द में मिले आराम के बाद अब हैं पहले से काफी बेहतर
कमर में होने वाला दर्द शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण होना भी आज के समय में एक आम बात है। आज की बदलती लाइफस्टाइल का सीधा असर हमारे शरीर पर देखने को मिल जाता है। लेकिन कुछ लोग कमर दर्द से जुड़ी समस्या को नजरअंदाज कर देते हैं। साथ ही कई बार ऑफिस में घंटो बैठे रहने के वजह से भी युवाओं में कमर दर्द से जुड़ी समस्या देखने को मिल जाती है। आपको बता दें लगातार कमर में होने वाले दर्द के कारण समस्या बढ़ भी सकती है इसलिए जरूरी है कि सही समय पर इस परेशानी पर ध्यान दिया जाए नहीं तो ये परेशानी आगे चलकर बढ़ी मुसीबत भी बन सकती हैं। ऐसी ही परेशानी थी गोवा के रहने वाले दादा पीर सैयद जी के जीवन में जो कई सालों से कमर के असहनीय दर्द से काफी परेशान थे पर हकीम जी के नुस्खे अपनाकर उन्होंने खुद को स्वस्थ और सेहतमंद कर लिया। आइये जानते हैं कि उन्होंने कमर दर्द में आराम पाने के लिए कौन-कौन सी यूनानी बूटी को अपनाया?
गोवा के रहने वाले दादा पीर सैयद जी काफी दयालु स्वभाव के व्यक्ति हैं लोगों की मदद करना उन्हें काफी अच्छा लगता है इसलिए कई लोग उनसे जुड़े हुए हैं। आपको बता दें उनकी उम्र 62 साल है। दादा पीर जी 45 साल से ड्राइवर का काम करते आ रहे हैं। उनका एक हसँता- खेलता परिवार है। दादा पीर सैयद जी घर की सारी जिम्मेदारी निभाते हैं। जिम्मेदारी निभाने में वो इतने व्यस्त थे कि खुद का ख्याल रखना ही भूल गये। दरअसल दादा पीर जी को कमर में दर्द था। दादा पीर जी अपनी कमर की समस्या से काफी परेशान थे। उन्होंने अपनी इस समस्या को लेकर कई डॉक्टरों से सलाह भी ली फिर भी उनकी समस्या में उन्हें कोई सुधार नहीं मिला। अपनी कमर की समस्या को लेकर उन्होंने कई अस्पतालों के चक्कर भी काटें पर उन्हें आराम नहीं मिल पाया।
दादा पीर जी ने कभी हिम्मत नहीं हारी और डटकर इसका सामना किया। जब तकलीफ ज्यादा बढ़ गयी तो वो डॉक्टर के पास गये जहां डॉक्टर ने कमर की समस्या बताई। बढ़ती तकलीफ को देखते हुए डॉक्टर ने उन्हें अस्पताल में भर्ती होने को कहा।लेकिन दादा पीर जी एडमिट नहीं हुए और वह डॉक्टर से दवा लेकर अपने घर पर ही आराम करने लगे और डॉक्टर के निर्देश अनुसार वो घर पर ही आराम करने लगे। कमर दर्द की तकलीफ इतनी बढ़ गई थी कि दादा पीर जी को अब कोई भी काम करने के लिए दूसरों की सहायता लेनी पड़ती थी। उन्हें अपनी जिंदगी में कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। दादा पीर जी को कुछ दिन के लिए आराम तो मिला लेकिन उनकी यह समस्या फिर से शुरु हो गई। वो बस ये चाहते थे कि उन्हें कमर के दर्द में आराम मिल जाए।
लेकिन वो कहते है न कि बुरा वक्त कभी न कभी टल ही जाता है शायद दादा पीर जी का भी बुरा वक्त जाने ही वाला था। एक दिन दादा पीर जी टीवी देख रहे थे तभी अचानक उनकी नजर हकीम सुलेमान खान साहब के सबसे बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी पर पड़ी। जो उस वक्त लाइव चल रहा था। और काफी लोगों के फीडबैक भी आ रहे थे। दादा पीर जी हकीम जी के प्रोग्राम को देखकर काफी प्रभावित हुए और जिसके बाद उन्होंने हकीम जी की मदद से कमर की समस्या के लिए गोंद सियाह को ATIYA HERBS से ऑर्डर किया। गोंद सियाह के इस्तेमाल से दादा पीर जी को अपनी कमर की समस्या में काफी आराम मिला। अपनी इस समस्या में आराम मिलते देख अब वो अपनी अन्य समस्याओं के लिए हकीम जी बूटी का सेवन करते है। दादा पीर जी ज्यादातर हकीम जी के घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करते हैं। दादा पीर जी ने अपने घुटनों की भी समस्या में भी हकीम जी की मदद से राहत पाई। दादा पीर जी की पत्नी भी हकीम जी की बूटियों से काफी प्रभावित हुई। आज उनके घर में अगर किसी को कोई परेशानी होती है तो वह सबसे पहले हकीम की बूटी अपनाने की सलाह देती है।
दादा पीर जी को जो कमर में दिक्कत थी उसमें उन्हें काफी आराम मिला है एक खास बातचीत में उन्होंने बताया कि वह जो स्वस्थ और सेहतमंद जिंदगी गुजार रहे हैं उसका सारा श्रेय वह यूनानी के मशहूर हकीम सुलेमान खान साहब को देते हैं वह कहते हैं कि यूनानी बूटी का इस्तेमाल करने के लिए सब्र करने की बहुत जरुरत है। वो हकीम जी का काफी शुक्रगुजार करते हैं क्योंकि उनके कारण वो आज काफी स्वस्थ और सेहतमंद है। वह चाहते हैं कि जिस तरह से वह स्वस्थ हुए हैं उसी तरह हकीम जी दूसरे लोगों की भी मदद करते रहें।
गोंद सियाह के बारे में ?
दरअसल गोंद सियाह को दुनिया से introduce कराने वाले हकीम सुलेमान साहब हैं। जिन्होंने अपने टीवी शोज में, यूट्यूब चैनल्स पर, Facebook पर, और भी अनेकों प्लेटफॉर्म के माध्यम से इस यूनानी हर्ब के बारे में लोगों को बताकर जागरूक किया है। लाखों करोड़ों लोग घुटनों के दर्द, कमर के दर्द, किसी भी प्रकार के जोड़ों के दर्द और पैरों से लेकर गर्दन तक के दर्द की समस्या (सर्वाइकल) में इस हर्ब से फायदा पाने के बाद हकीम सुलेमान साहब का दिल से धन्यवाद करते हैं।
गोंद सियाह का सेवन करने का तरीका: गोंद सियाह को धूप में सुखाने के बाद पाउडर बना लें। सुबह नाश्ते के बाद और रात में खाने के बाद आधा ग्राम गोंद सियाह 1 चम्मच मलाई या फिर शहद में मिलाकर खाएं। क्योंकि ये एक गोंद है जिसे सूखा खाने से ये जीभ और दातों से चिपक सकती है इसके अलावा गोंद सियाह बहुत कड़वा होता है, हो सकता है की आपने इतनी कड़वी चीज पहले कभी न खाई हो। इस कड़बे गोंद के सेवन से आपको भी वर्षों पुराने जोड़ों के दर्द में राहत मिल सकती है।

गोंद सियाह का सेवन करते समय किन बातों का रखें ध्यान: गोंद सियाह का सेवन शुरू करने के कुछ दिनों तक झाड़ू पोंछे पर पाबंधी रखें और फिज़िकल ऐक्टिविटी कम कर दें हो सके तो वेस्टर्न टॉयलेट यानि की कुर्सी वाले शौचालय का ही इस्तेमाल करें।

गोंद सियाह के सेवन से दर्द बढ़ जाए तो क्या करें: गोंद सियाह दर्द की नहीं बल्कि रोग की दवा है। रोग चला जाए तो दर्द अपने आप चला जाता है। 100 में से 1 या 2 पैशन्ट ही ऐसे होते हैं जिन्हें शुरूआत में दर्द बढ़ जाता है। अगर किसी को दर्द बढ़ जाए तो परेशान न हों। इन्स्टेन्ट रिलीफ़ के लिए 5 दिन तक सुबह-शाम गोंद सियाह के साथ दर्द की दवा खा सकते हैं। कुछ दिनों में आपको फर्क महसूस होना शुरू हो जाएगा।
असली गोंद सियाह की पहचान कैसे करें: आज कल जिस तरह से हर चीज में मिलावट हो रही है ठीक वैसे ही मार्केट में नकली गोंद सियाह भी मिलता है। आपको बाजार में काले रंग का गोंद मिल जाएगा जो देखने में लगभग गोंद सियाह के जैसा ही काला होता है। लेकिन वो गोंद सियाह नहीं एलवा होता है। आप असली गोंद सियाह की पहचान कर सकते हैं क्योंकि एलवा में चमक होती है जबकि गोंद सियाह एकदम कोयले की तरह काला होता है।

क्यों जरूरी है असली गोंद सियाह लेना: गोंद सियाह तो हजारों लोग बेचते हैं और ये आपको सब जगह पर मिल जाएगी लेकिन सबसे जरूरी है असली गोंद सियाह लेना। अगर आप नकली गोंद सियाह लेंगे तो उसकी क्वालिटी सही नहीं होगी जिससे कोई फायदा नहीं होगा उल्टा आपको नुकसान भी हो सकता है।
असली गोंद सियाह कहाँ से मंगवाएं: आप हकीम सुलेमान खान साहब की संस्था में कॉल करके असली गोंद सियाह मँगवा सकते हैं। ये गोंद कालस्कन्ध नाम के पेड़ से निकलता है। जिसकी खेती हकीम सुलेमान खान साहब अपनी देख रेख में करवाते हैं, इनका खुद का जड़ी-बूटी केंद्र है जहां पर जड़ी बूटियों को इकट्ठा करके साफ किया जाता है। बहुत ही ईमानदारी से इस फॉर्मूले को बनाया जाता है। हर एक छोटी से छोटी बात का ध्यान रखा जाता है यही वजह है की इस यूनानी जड़ी बूटी का असर इतना पावरफुल है की लाखों लोगों को सालों पुराने जोड़ों के दर्द में फायदा मिल चुका है।