जोड़ों के दर्द की सबसे कामयाब हर्ब क्यों है गोंद सियाह।

जयपुर में रायथल के पास बासरी कलाँ में रहने वाली मंजु यादव ने साझा किया अपना experience बताया क्यों है गोंद सियाह इतना खास?

जोड़ों के दर्द से हैं बेहाल तो ये गोंद कर सकता है कमाल। आज हम बात कर रहे हैं जोड़ों के दर्द में सबसे ज्यादा कामयाब हर्ब्स में से एक गोंद सियाह की। गोंद सियाह केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जोड़ों के दर्द में सबसे ज्यादा कामयाब हर्ब मानी जाती है। दुनिया में गोंद सियाह को चाहने वाले लाखों करोड़ों लोग हैं जो इसके सेवन से वर्षों पुराने जोड़ों के दर्द में राहत पाकर अपनी जिंदगी को फिर से पहले की तरह इन्जॉय कर पा रहे हैं।

क्या आप भी हैं जोड़ों के दर्द से परेशान?

दुनिया में लोग सबसे ज्यादा जोड़ों के दर्द से परेशान हैं। इस दर्द की वजह से परेशान ज्यादातर लोगों के पास आलोपथिक का ही ऑप्शन है। अगर आप भी इन्हीं लोगों में से हैं तो एक बार गोंद सियाह का सेवन करके जरूर देखें। क्योंकि गोंद सियाह – एक अद्भुत और सशक्त हर्ब है , जो आपको वास्तविक राहत देता है। हो सकता है की लाखों करोड़ों लोगों की तरह आपको भी फायदा हो जाए।

दोस्तों कभी-कभी जोड़ों के दर्द की समस्या इतनी भयंकर हो जाती है की अच्छे से अच्छे डॉक्टरों के चक्कर लगाने और दुनिया भर की जाँचे कराने के बाद भी दर्द में राहत नहीं मिलती है। बिस्तर पर पड़े-पड़े जीवन नर्क बन जाता है। वैसे तो पूरी दुनिया में गोंद सियाह से फायदा लेने वाले लाखों करोड़ों लोग हैं। लेकिन आज हम आपको जयपुर से 60 किलोमीटर दूर रायथल के पास एक गाँव बासरी कला में रहने वाली मंजु यादव की कहानी से रूबरू कराते हैं जिन्हें गोंद सियाह के सेवन से जोड़ों के दर्द में मिला फायदा।

गजब का असर है इस जड़ी बूटी का : बिस्तर पर पड़ी रहने वाली मंजु यादव अब भाग-भागकर करती हैं काम।

जयपुर से 60 किलोमीटर दूर रायथल के पास एक गाँव बासरी कला मंजु जी रोजाना गायों से निकालती हैं 120 लीटर दूध।

मंजु जी बहुत मेहनती, खुशमिजाज और दयालु स्वभाव की महिला हैं। इन्हें लोगों की मदद करना बहुत अच्छा लगता है। हमेशा लोगों की मदद करने के लिए तैयार रहती हैं। मंजु जी के घर में 20 से ज्यादा मवेशी हैं। ये अकेले ही इन मवेशियों की सेवा करती हैं और हमेशा खुश रहती हैं।

चलिए जानते हैं क्या है इनकी सच्ची कहानी कैसे इन्हें रीड की हड्डी के दर्द में मिली राहत?
जयपुर से 60 किलोमीटर दूर रायथल के पास एक छोटे से गाँव बासरी कला में रहने वाली 50 साल की मंजु यादव अपने मवेशियों की सेवा कर रही थीं। इसी बीच जैसे ही मंजु जी गोबर से भरा हुआ तसला उठाती हैं तो अचानक ही इनकी रीड की हड्डी में बहुत तेज दर्द होने लगता है। दर्द इतना असहनीय था की मंजु जी जमीन पर गिर जाती हैं। धड़ाम से गिरने की आवाज सुनकर इनके पति और इनका बेटा विनोद दौड़कर पास आते हैं और इन्हें जमीन से उठाकर बेड पर लिटा देते है। काफी देर तक आराम करने के बाद भी मंजु जी खुद से उठने में असमर्थ थी। इनकी इस हालत को देखकर इन्हें अस्पताल लेकर जाया जाता है जहां डॉक्टर चेक अप करने के बाद दर्द में तुरंत आराम के लिए इन्जेक्शन लगाते हैं और 3 महीने की दवाइयाँ खाने के लिए देते हैं। रोजाना दिन में 6 से 7 बार मंजु जी को दवाइयाँ खानी पड़ती थी। दवाइयाँ खाते हुए कई महीने गुजर गए लेकिन इनकी हालत जस की तस बनी हुई थी। उठने-बैठने यहाँ तक की लेटने तक में सहारे की जरूरत पड़ती थी।

मंजु जी की इस हालत की वजह से केवल मंजु जी ही नहीं बल्कि पूरा परिवार परेशान रहने लगा। जब डॉक्टर की दी हुई दवाइयों का कोई असर दिखाई नहीं दिया तो इनके पति और बेटे ने इन्हें दूसरे डॉक्टरों को दिखाया। एक डॉक्टर ने तो इनसे ये तक कह दिया की मंजु जी को अपनी जिदंगी बेड पर ही लेटकर बितानी पड़ेगी। कई डॉक्टरों को दिखाने के बाद भी जब इन्हें इस असहनीय दर्द का कोई समाधान नहीं मिला तो मंजु जी अपने ठीक होने की उमीद खो चुकी थीं। इन्हें भी ऐसा लगने लगा था की अब बाकी की जिंदगी बिस्तर पर लेटे-लेटे ही गुजारनी पड़ेगी। नौबत ये आ गई थी की रोजाना मवेशियों से 100 से 150 लीटर दूध निकालने वाली मंजू जी आज बिस्तर पर पड़ी थीं। सही इलाज न मिल पाने की वजह से पूरे 9 महीने तक मंजु जी इस असहनीय दर्द का शिकार रहीं।

चलिए आपको बताते हैं की मंजु जी को जोड़ों के दर्द से मिली राहत के पीछे का राज क्या है?

एक दिन जब इनका बेटा विनोद YouTube पर वीडियो देख रहा था तो अचानक से उसके सामने घुटनों के दर्द से संबंधित हकीम सुलेमान खान साहब की एक वीडियो आ गई। जिसमें हकीम साहब एंकर शैलजा त्यागी के साथ बैठकर लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए यूनानी जड़ी-बूटी और घरेलू उपचारों को अपनाने की सलाह दे रहे थे। जब विनोद ने हकीम साहब का चैनल ‘हकीम सुलेमान खान’ देखा तो इन्हें अनेक ऐसे लोगों के इंटरव्यू देखने को मिले जिन्हें हकीम साहब के द्वारा बताई गई यूनानी जड़ी बूटियों और घरेलू उपचारों को अपनाने से वर्षों पुराने दर्द में राहत मिल चुकी थी। विनोद ने अपनी माँ को हकीम साहब के videos दिखाए। इन वीडियोज़ को देखकर मंजु जी हकीम साहब से बहुत प्रभावित हुई और उन्हें उम्मीद की एक किरण दिखाई देने लगी। मंजु जी ने अपने बेटे से हकीम साहब से बात करने को कहा। विनोद ने हकीम साहब की संस्था में कॉल करके अपनी माँ की सारी समस्या बताई। इनकी समस्या को सुनने और समझने के बाद हकीम साहब के काबिल डॉक्टरों की टीम ने इन्हें खट्टी चीजों का परहेज करने की हिदायत दी और जोड़ों के दर्द में कारगर जड़ी बूटी गोंद सियाह भेजी।

मंजु जी ने हकीम साहब के डॉक्टरों द्वारा बताए निर्देशों के अनुसार गोंद सियाह का सेवन करना शुरू किया। 3 दिन में ही असर दिखाई देने लगा। एडी, घुटनों और कमर में होने वाला दर्द कम होना शुरू हो गया। डेढ़ महीने तक गोंद सियाह खाने का असर ये हुआ की ये बिस्तर से बिना सहारे उठकर चलने फिरने लगी। इन्होंने गोंद सियाह खाना जारी रखा। अब मंजु जी ने घर के सारे काम करना शुरू कर दिए हैं। इन्हें गोंद सियाह लेते हुए 5 महीने हो गए हैं। जिन हाथों से 1 लीटर दूध की किटली नहीं उठा पातीं थीं अब उन्हीं हाथों से 30 किलो भुस का बोरा लेकर दौड़ लगाने लगी हैं। दूध निकालने के लिए बैठ नहीं पाती थी अब 100 लीटर से ज्यादा दूध एक दिन में निकालती हैं और घंटों बिना पटरे के बैठी रहती हैं। जो पैर हमेशा सूजे रहते थे अब उनसे नाचना शुरू कर दिया है। इनका नाच देखकर इनके पड़ोसियों को भी बड़ा अचंभा होता है। लोग कहते हैं की बड़े आश्चर्य की बात है जिस औरत को बिस्तर से उठाने के लिए लोग लगते थे अब देखो कैसे नाच रही है।

ये थी मंजू जी की कहानी जिनका जीवन अनियमितताओं से भरा था लेकिन जीवन के हर मोड़ पर सीखने की क्षमता रखने वाली मंजु जी ने हार नहीं मानी और अपने आप को सँजोकर रखा इसलिए आज इनके परिवार के सभी लोग बहुत खुश हैं और हकीम सुलेमान खान साहब का दिल से धन्यबाद करते हैं।

अगर आपके आसपास भी कोई इस तरह की बीमारी से ग्रसित है तो उस तक हकीम सुलेमान खान साहब की ये जानकारी पहुंचाकर उसकी मदद जरूर करें।

गोंद सियाह के बारे में ?

दरअसल गोंद सियाह को दुनिया से introduce कराने वाले हकीम सुलेमान साहब हैं। जिन्होंने अपने टीवी शोज में, यूट्यूब चैनल्स पर, Facebook पर, और भी अनेकों प्लेटफॉर्म के माध्यम से इस यूनानी हर्ब के बारे में लोगों को बताकर जागरूक किया है। लाखों करोड़ों लोग जोड़ों के दर्द की समस्या में इस हर्ब से फायदा पाने के बाद हकीम सुलेमान साहब का दिल से धन्यवाद करते हैं।

गोंद सियाह का सेवन करने का तरीका: गोंद सियाह को धूप में सुखाने के बाद पाउडर बना लें। सुबह नाश्ते के बाद और रात में खाने के बाद आधा ग्राम गोंद सियाह 1 चम्मच मलाई या फिर शहद में मिलाकर खाएं। क्योंकि ये एक गोंद हैं जिसे सूखा खाने से ये जीभ और दातों से चिपक सकती है इसके अलावा गोंद सियाह बहुत कड़वा होता है, हो सकता है की आपने इतनी कड़वी चीज पहले कभी न खाई हो।

गोंद सियाह का सेवन करते समय किन बातों का रखें ध्यान: गोंद सियाह का सेवन शुरू करने के कुछ दिनों तक झाड़ू पोंछे पर पाबंधी रखें और फिज़िकल ऐक्टिविटी कम कर दें हो सके तो वेस्टर्न टॉइलेट यानि की कुर्सी वाले शौचालय का ही इस्तेमाल करें।

गोंद सियाह के सेवन से दर्द बढ़ जाए तो क्या करें: गोंद सियाह दर्द की नहीं बल्कि मर्ज की दवा है। 100 में से 1 या 2 पैशन्ट ऐसे होते हैं जिन्हें शुरूआत में दर्द बढ़ जाता है। अगर किसी को दर्द बढ़ जाए तो परेशान न हों। इन्स्टेन्ट रिलीफ़ के लिए 5 दिन तक सुबह शाम गोंद सियाह के साथ दर्द की दवा खाएं और दूध पी लें। कुछ दिनों में आपको फर्क महसूस होना शुरू हो जाएगा।

असली गोंद सियाह की पहचान कैसे करें: आज कल जिस तरह से हर चीज में मिलावट हो रही है ठीक वैसे ही मार्केट में नकली गोंद सियाह भी मिलता है। आपको बाजार में काले रंग का गोंद मिल जाएगा जिसका स्वाद भी कड़वा होता है। लेकिन वो गोंद सियाह नहीं एलवा होता है जो दिखने में बिल्कुल गोंद सियाह की तरह ही काला और स्वाद में गोंद सियाह की तरह ही कड़वा होता है। लेकिन आप असली गोंद सियाह की पहचान कर सकते हैं क्योंकि एलवा में चमक होती है जबकि गोंद सियाह एकदम कोयले की तरह काला होता है।

क्यों जरूरी है असली गोंद सियाह लेना: गोंद सियाह तो हजारों लोग बेचते हैं और ये आपको सब जगह पर मिल जाएगी लेकिन सबसे जरूरी है असली गोंद सियाह लेना। अगर आप नकली गोंद सियाह लेंगे तो उसकी क्वालिटी सही नहीं होगी जो आपको फायदा नहीं करेगा उल्टा आपको नुकसान भी हो सकता है।

असली गोंद सियाह कहाँ से मंगवाएं: आप हकीम सुलेमान खान साहब की संस्था में कॉल करके असली गोंद सियाह मँगवा सकते हैं। ये गोंद कालस्कन्ध नाम के पेड़ से निकलता है। जिसकी खेती हकीम सुलेमान खान साहब अपनी देख रेख में करवाते हैं, इनका खुद का जड़ी-बूटी केंद्र है जहां पर जड़ी बूटियों को इकट्ठा करके साफ किया जाता है। बहुत ही ईमानदारी से इस फॉर्मूले को बनाया जाता है। हर एक छोटी से छोटी बात का ध्यान रखा जाता है यही वजह है की इस यूनानी जड़ी बूटी का असर इतना पावरफुल है की लाखों लोगों को सालों पुराने जोड़ों के दर्द में फायदा मिल चुका है।

असली गोंद सियाह मंगाने के दिए गए नंबर पर संपर्क करें।

011 6120 5379