घुटनों के दर्द में बैठना भी था मुश्किल पर अब आराम से चल पाती हूँ
सेहत से जुड़ी परेशानी का समय तय नहीं होता, वो कभी भी आ सकती है। लेकिन हम अपने आप को बेहतर रखने के लिए कैसे अपना ख्याल रखते हैं ये जरूरी है। जैसी जीवनशैली है हमारी कोई परेशानी कब आ जाए कुछ नहीं पता। इसलिए अच्छे खाने के साथ लाइफ बैलेंस करना जरूरी है। ऐसे में अगर कोई परेशानी आती भी तो हिम्मत बनी रहती है। तकलीफ कैसी भी हो अगर उसमें समय रहते ध्यान दिया जाए तो आगे बढ़ने वाली परेशानी से बचा जा सकता है। ऐसे ही आज हम आपको बताने जा रहे हैं आलिया सुल्ताना जी के बारे में जो बेहद तकलीफों से गुजर रही थी दरअसल उन्हें कई सालों से घुटनों में दर्द की परेशानी थी मगर उन्होंने हिम्मत नहीं छोड़ी और आज पहले के मुकाबले काफी सेहतमंद जिंदगी जी रही हैं। आइये जानते हैं कि उन्होंने अपने घुटनों के दर्द में आराम पाने के लिए हकीम जी की कौन-कौन सी बूटी का इस्तेमाल किया?
मुंबई के मलाड मलवनी में 58 साल की आलिया सुल्ताना अपने बेटों के साथ रहती हैं इससे पहले वे हैदराबाद में रहा करती थी। वह काफी दयालु स्वभाव की महिला हैं लोगों की मदद करना उन्हें काफी पसंद है इसलिए कई लोग उनके इसी स्वभाव को देखकर उनसे जुड़े हुए हैं। आपको बता दें पिछले कुछ वक्त से वे घुटनों के दर्द से काफी परेशान थी। दरअसल उन्हें घुटनों में दर्द की समस्या थी। जिसकी वजह से ना वे बैठ सकती थी ना खड़ी हो सकती थी। अगर वे थोड़ी सी देर के लिए खड़ी भी हो जाती थी तो उनके पैर में सूजन आ जाती थी। जिसके चलते उन्होंने कई जगह दिखाया और दवाईयां भी खाई ।
शुरू में आराम तो मिलता था लेकिन समय के साथ साथ दवाईयों ने भी असर करना बंद कर दिया। वे इतनी दवाईयां खा चुकी थी कि डॉक्टर ने भी उन्हें आगे दवा लेने से मना करते हुए ऑपरेशन कराने की सलाह दी। अपनी मां की तकलीफ देखते हुए उनके बेटों ने ऑपरेशन के लिए हामी तो भर दी थी लेकिन वे खुद ऑपरेशन नहीं कराना चाहती थी। उन्हें डर था कि ऑपरेशन से कहीं उनकी तकलीफ और ना बढ़ जाए। वक्त के साथ उनका दर्द बढ़ता जा रहा था जिसकी वजह से वे रात रात भर सो नहीं पाती थी। घुटने की हड्डी आपस में रगड़ती थी तो काफी दर्द होता था।
उन्होंने उम्मीद ही छोड़ दी थी कि वह कभी स्वस्थ हो पाएंगी पर इसी बीच उनकी बात हैदराबाद में रहने वाली अपनी बहन से हुई तो उन्हें उनसे यूनानी के मशहूर हकीम सुलेमान खान साहब के बारे में पता चला। जिसके बाद उन्होंने हकीम जी का चर्चित शो सेहत और जिंदगी देखा। जहां उन्होंने ऐसे लोगों के अनुभव को सुना और देखा जो काफी वक्त से उन्हीं की तरह किसी ना किसी समस्या से परेशान थे। जब देखा कि उन्हें तकलीफ में राहत मिल रही है तो सोचा कि एक बार बात करके देखना चाहिए। आलिया जी ने शो के बीच स्क्रीन पर दिखाए जा रहे नंबर से संपर्क किया।
नंबर पर डॉक्टर से बात करते हुए जब उन्होंने अपनी समस्या बताई तो डॉक्टर ने घुटनों के दर्द के लिए गोंद सियाह और T.CARE इस्तेमाल करने की सलाह दी। उन्होंने बिना समय गवाएं ATIYA HERBS से गोंद सियाह और T.CARE मंगवाया और इस्तेमाल करना शुरू किया। यूनानी बूटी के इस्तेमाल से कुछ ही समय में उन्हें राहत भी मिलने लगी जिससे वे काफी खुश हुई उनका भरोसा और बढ़ने लगा कि हो सकता है उन्हें राहत मिल जाए।
आपको बता दें आलिया सुल्ताना जी समय के साथ खुद को काफी बेहतर महसूस करने लगी है। इसलिए अपनी शुगर की समस्या के लिए भी उन्होंने हकीम साहब के घरेलू नुस्खे का इस्तेमाल किया। और आज लगभग एक साल बीत चुका है। जहां वे बैठ भी नहीं पाती थी अब आराम से चल लेती हैं अपने काम भी कर लिया करती हैं।
साथ ही अब वे लोगों को सलाह भी दिया करती है कि अगर आप किसी परेशानी से गुजर रहे हैं चाहे वे कितनी पुरानी क्यों ना हो एक बार हकीम जी की बूटी अपनाकर देखें हो सकता है आराम मिल जाएं। कई बार समस्या ज्यादा पुरानी होने पर थोड़ी देर से ऱाहत मिलती है। उन्हें अपनी तकलीफों से राहत मिली और ऑपरेशन कराने की जरूरत नहीं पड़ी इसके लिए वे हकीम जी का दिल से शुक्रिया अदा करती है। वे चाहती हैं कि हकीम जी सलामत रहे और ऐसे ही लोग उनकी लंबी उम्र के लिए दुआ करें।
गोंद सियाह के बारे में ?
दरअसल गोंद सियाह को दुनिया से introduce कराने वाले हकीम सुलेमान साहब हैं। जिन्होंने अपने टीवी शोज में, यूट्यूब चैनल्स पर, Facebook पर, और भी अनेकों प्लेटफॉर्म के माध्यम से इस यूनानी हर्ब के बारे में लोगों को बताकर जागरूक किया है। लाखों करोड़ों लोग घुटनों के दर्द, कमर के दर्द, किसी भी प्रकार के जोड़ों के दर्द और पैरों से लेकर गर्दन तक के दर्द की समस्या (सर्वाइकल) में इस हर्ब से फायदा पाने के बाद हकीम सुलेमान साहब का दिल से धन्यवाद करते हैं।
गोंद सियाह का सेवन करने का तरीका: गोंद सियाह को धूप में सुखाने के बाद पाउडर बना लें। सुबह नाश्ते के बाद और रात में खाने के बाद आधा ग्राम गोंद सियाह 1 चम्मच मलाई या फिर शहद में मिलाकर खाएं। क्योंकि ये एक गोंद है जिसे सूखा खाने से ये जीभ और दातों से चिपक सकती है इसके अलावा गोंद सियाह बहुत कड़वा होता है, हो सकता है की आपने इतनी कड़वी चीज पहले कभी न खाई हो। इस कड़बे गोंद के सेवन से आपको भी वर्षों पुराने जोड़ों के दर्द में राहत मिल सकती है।

गोंद सियाह का सेवन करते समय किन बातों का रखें ध्यान: गोंद सियाह का सेवन शुरू करने के कुछ दिनों तक झाड़ू पोंछे पर पाबंधी रखें और फिज़िकल ऐक्टिविटी कम कर दें हो सके तो वेस्टर्न टॉयलेट यानि की कुर्सी वाले शौचालय का ही इस्तेमाल करें।

गोंद सियाह के सेवन से दर्द बढ़ जाए तो क्या करें: गोंद सियाह दर्द की नहीं बल्कि रोग की दवा है। रोग चला जाए तो दर्द अपने आप चला जाता है। 100 में से 1 या 2 पैशन्ट ही ऐसे होते हैं जिन्हें शुरूआत में दर्द बढ़ जाता है। अगर किसी को दर्द बढ़ जाए तो परेशान न हों। इन्स्टेन्ट रिलीफ़ के लिए 5 दिन तक सुबह-शाम गोंद सियाह के साथ दर्द की दवा खा सकते हैं। कुछ दिनों में आपको फर्क महसूस होना शुरू हो जाएगा।
असली गोंद सियाह की पहचान कैसे करें: आज कल जिस तरह से हर चीज में मिलावट हो रही है ठीक वैसे ही मार्केट में नकली गोंद सियाह भी मिलता है। आपको बाजार में काले रंग का गोंद मिल जाएगा जो देखने में लगभग गोंद सियाह के जैसा ही काला होता है। लेकिन वो गोंद सियाह नहीं एलवा होता है। आप असली गोंद सियाह की पहचान कर सकते हैं क्योंकि एलवा में चमक होती है जबकि गोंद सियाह एकदम कोयले की तरह काला होता है।

क्यों जरूरी है असली गोंद सियाह लेना: गोंद सियाह तो हजारों लोग बेचते हैं और ये आपको सब जगह पर मिल जाएगी लेकिन सबसे जरूरी है असली गोंद सियाह लेना। अगर आप नकली गोंद सियाह लेंगे तो उसकी क्वालिटी सही नहीं होगी जिससे कोई फायदा नहीं होगा उल्टा आपको नुकसान भी हो सकता है।
असली गोंद सियाह कहाँ से मंगवाएं: आप हकीम सुलेमान खान साहब की संस्था में कॉल करके असली गोंद सियाह मँगवा सकते हैं। ये गोंद कालस्कन्ध नाम के पेड़ से निकलता है। जिसकी खेती हकीम सुलेमान खान साहब अपनी देख रेख में करवाते हैं, इनका खुद का जड़ी-बूटी केंद्र है जहां पर जड़ी बूटियों को इकट्ठा करके साफ किया जाता है। बहुत ही ईमानदारी से इस फॉर्मूले को बनाया जाता है। हर एक छोटी से छोटी बात का ध्यान रखा जाता है यही वजह है की इस यूनानी जड़ी बूटी का असर इतना पावरफुल है की लाखों लोगों को सालों पुराने जोड़ों के दर्द में फायदा मिल चुका है।